अपने अंदर के टैलेंट को कैसे पहचाने


हमारे या सबके दिमाग के अंदर एक बात हमेशा आती है कि हमारे अंदर कोई ना कोई टैलेंट है और उसको डिस्कवर कर लिया तो जिंदगी बहुत अच्छी हो जाएगी या जिंदगी में सक्सेज हो जाएंगे या फिर जो लोग आज सक्सेज है वह भी अपने टैलेंट को पहचान कर ही सक्सेज हैं तो आप इस भ्रम में मत रहिएगा क्योंकि ये सब बात एक अफवाह है।   

जैसे - आप अच्छा लिख लेते हो या आप अच्छी बाइक चला लेते हो तो ये सब एक टैलेंट है नहीं यह कोई टैलेंट नहीं है।   

अगर आपको अच्छी बाइक चलानी है तो प्रैक्टिस की जरूरत होती है और आपको अच्छा लिखना है तो भी प्रैक्टिस की जरूरत होती है इसलिए जान लो अगर आपको कुछ भी अच्छा करना है तो टैलेंट कि नहीं प्रैक्टिस जरूरत पड़ती है प्रैक्टिस कर कर के ही जो हम सीखते है उसी को टैलेंट कहते हैं।   इसलिए हमें टैलेंट कि नहीं स्किल की जरूरत होती है

हमें प्रैक्टिस के लिए इंटरेस्ट की जरूरत होती है और इंटरेस्ट के लिए इंफॉर्मेशन की जरूरत होती है

इसलिए हमें अपना टैलेंट खोजने पर दिमाग नहीं लगाना है प्रैक्टिस में दिमाग लगाना है प्रैक्टिस करोगे तो टैलेंट अपने आप आ जाएगा




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