अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है। और अच्छे लोगों के साथ ऐसा क्यों होता है।

हमेशा अच्छे लोग कोई भी काम करने के बाद सोचने लगते हैं कि हमने जो काम किया है वह सही है कि नहीं सही है आज हमने जो बोल दिया बहुत गलत बोल दिया है कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाए उनको बुरा ना लगे बहुत सारी बातें हमारे दिमाग में चलने लगती हैं और उन्हीं बातों को सोचते सोचते हम सही काम को भी गलत तरीके से करने लगते हैं क्योंकि तब हम समझ नहीं पाते कि अब हम जो काम कर रहे हैं वह सही है कि नहीं सही है। 

जैसे- आप कहीं गए और कुछ अच्छा काम करके वापस लौट रहे हैं रास्ते में आप वही बात सोच रहे है कि हमने जो काम किया सही काम किया कि गलत किया कही कुछ बुरा ना हो जाए और तब आप इस सोच में डूबे रहते हैं और आपका रास्ते पर ध्यान नहीं होता है अचानक एक्सीडेंट हो जाता है तब हम सोचते हैं या फिर लोग बोलते हैं अच्छा काम किया था फिर भी बुरा हुआ 

इसलिए आप हमेशा कोई भी काम करो तो ज्यादा सोचो मत अच्छा काम करने के बाद खुश रहो अच्छा फील करो ज्यादा सोचने से अच्छे काम भी खराब हो जाते हैं। 

अगर हम कोई अच्छा काम कर रहे हैं तो हमें कभी भी कोई नेगेटिव सोच नहीं रखनी चाहिए हमें हमेशा पॉजिटिव सोच रखनी चाहिए और हमें पॉजिटिव सोच रखने के लिए ऐक्शन की जरूरत पड़ती है। 

और ऐक्शन के लिए अच्छी सोच की जरूरत होती है इसलिए कोई भी सही काम किए हो तो बुरा नहीं सोचना चाहिए अच्छा काम करो तो अच्छा ही समझो ज्यादा सोचो मत 

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