डिप्रेशन क्या होता है ---
डिप्रेशन मेंटल डिसऑर्डर होता है जिसे पहचानना और समय रहते दूर करना हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाता है खास बात यह है कि अपने जिस बर्ताव को हम नॉर्मल समझ रहे होते हैं अक्सर वे डिप्रेशन के लक्षण होते हैं अगर आपका मूड कभी-कभार खराब होता है यानी आप किसी खास वजह सेव उदास या गुस्सा होते हैं या सुस्त फील करते हैं तो कोई बात नहीं तब आप डिप्रेशन के शिकार नहीं है यानी कि आप में डिप्रेशन के लक्षण नहीं है। यानी कि आप एक नॉर्मल इंसान हो
लेकिन - जब आप बार-बार लंबे समय तक दुखी फील करते हो तो आपकी लाइफ भी इफेक्ट होती है और तब आप संभल जाइए क्योंकि तब आप डिप्रेशन के शिकार हो चुके होते है।
ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि डिप्रेशन किस वजह से हुआ है
एग्जांपल--
० मेजर डिप्रेशन - सुसाइड करने का मन करने लगे या तो अपने आप पर बहुत ज्यादा गुस्सा आने लगे तो ये मेजर डिप्रेशन होता है।
० पेरिनियल डिप्रेशन - जब हफ्ते के ज्यादातर दिनों में डिप्रेसी फील होता है किसी भी एक्टिविटी या किसी भी काम में खुशी नहीं मिलती है अच्छी नीद नहीं आती है या रात भर दिमाग में कुछ बातें चलती रहती हैं या फिर पूरे दिन भर नीद आती रहती है यह पेरिनियल डिप्रेशन का लक्षण होता है।
० परसिस्टेंट डिप्रेशन - जब डिप्रेशन 2 साल या उससे भी ज्यादा दिन तक बना रहता है उसे परसिस्टेंट डिप्रेशन कहते हैं इसमें गहरी उदासी और निराशा महसूस होता है किसी भी काम में मन नहीं लगता खुद से विश्वास नहीं होता है।
० मैनिक डिप्रेशन - कभी बहुत खुशी हुई होती है और कभी-कभी बहुत निराशा इस तरह के डिप्रेशन में एनर्जी लो रहती हैं ध्यान लगाना यानी कंसंट्रेट करना मुश्किल हो जाता है और सुसाइड करने का मन करने लगता है तो मैनिक डिप्रेशन होता है।
पेरिनियल डिप्रेशन - ये डिप्रेशन महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान हो जाता है जो बच्चे के जन्म के बाद 4 हफ्तों तक रहता है इस दौरान उदासी गुस्सा एंजायटी फील होता है खुद को या बच्चे को चोट पहुंचाने का मन करता है तब खुद की और बच्चे की देखभाल करना बहुत मुश्किल हो जाता यह सब पेरिनियल डिप्रेशन के कारण होता है।
इसलिए नो टेंशन नो गुस्सा और नो डिप्रेशन स्वस्थ रहें खुश रहे और अपना ख्याल रखें
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